आशूरा की फज़ीलत, नया वर्ष और आत्म-निरीक्षण
(हिन्दी)
भाषा:हिन्दी
सेटिंग्स:रिसर्च डिवीज़न दारुल-क़ासिम
संक्षिप्त परिचय:
इस लेख में मुहर्रम के महीने और विशिष्ट रूप से उसकी दसवीं तारीख (आशूरा के दिन) की फज़ीलत, महत्व और उस दिन रोज़ा रखने के अज्र व सवाब और प्रतिफल का उल्लेख किया गया है। साथ ही साथ आत्म-निरीक्षण (नफ्स के मुहासबा) के महत्व को स्पष्ट किया गया है, विशेषकर नये वर्ष के प्रारम्भ पर।
Share
Use the QR code to easily share the message of Islam with others